दिल में कुछ अनुभव होता है
शिक्षक ये निराले होते हैं
बच्चों को गढ़ते गढ़ते,
अपने को बहुत, खो देते है
दिल में बस धुन ये रहती है
बच्चों को सिखाते जाना है
नई नई सोच, तरीकों से,
उनको आगे ले जाना है।
महिला शिक्षक की बात कहूँ
अति कर्मयोगी सी होती है
घर-बाहर,दोहरी भूमिका
किस तरह संजोये रहती है।
तड़के ही उठ जाती है
दोहरा कर्तव्य निभाने को
इधर घर ,उधर विद्या का घर
सबका सांमजस्य बिठाने को।
कभी ऐसा भी देखा है
कन्धों पे अतिरिक्त बोझ सा है
हर जगह उम्मीद उसी से है
शिक्षक लेकिन, ख़ामोश सा है।
स्कूल में गढ़ आई भविष्य
हर वर्ष, सैंकड़ों बच्चों का
पर वक्त बहुत कम दे पाई
अपने प्यारे दो बच्चों का।
ये त्याग तुम्हारा वंदनीय
तुमको करते दिल से सलाम
गढ़ दिये,असंख्य हीरे तुमने
गढ़ दिये कई अब्दुल कलाम।